मन को शांत कैसे रखें
अगर आपका मन भी शान्त नहीं हैं और आपके दिमाग के अंदर हमेंशा कोई न कोई बात चलती रहती है | ये लेख उन लोगो के लिए है जो जिंदगी में किसी ना किसी समस्याओं से गुजर रहे हैं और उनका मन भी बहुत अशांत रहता है | हम आपको कुछ ऐसे tips देने वाले हैं अगर आप उन्हें अपने अपने जीवन में follow करोगे तो आपका मन भी शांत होगा |
1 – मन को शांत करने के लिए करें Yoga – अगर आपका मन शांत नहीं हैं और उसके अंदर तरह तरह के विचार आते हैं और आप जो भी कार्य कर रहे होते हैं उसे आप अच्छे से नहीं कर पाते हैं तो आप योगा करना करना start कर सकते हैं | आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं इससे आपका दिमाग और मन दोनों शांत रहेंगे | अगर आप रोजाना yoga करते है तो इससे आपका शरीर भी healthy रहेगा और आपके शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी बनी रहेगी | yoga आपके लिए दिमाग को शांत करने का मंत्र की तरह काम करता है |
2 – दिमाग को शांत करने के लिए स्टार्ट करें जर्नलिंग – जर्नलिंग एक ऐसा तरीका होता हैं जहाँ पर आप स्वयं के विचारों को एक डायरी पर लिखते हैं | अगर आपका मन भी शांत नहीं रहता है तो आप जर्नलिंग शुरू कर सकते हैं और आपके मन में जो भी आता है उसे एक डायरी में लिख सकते हैं | जब हम अपने विचारों को एक डायरी में लिखते हैं चाहे वो अच्छे विचार हो या बुरे विचार तो इससे हमें चिंता (Anxiety) और तनाव (Stress) से मुक्ति मिलती हैं |
अगर आप अपने जीवन में किसी परेशानी से गुजर रहे है और आप तनावग्रस्त महसूस कर रहे हैं तो जर्नलिंग करने से आपको उस समस्या या तनाव का कारण पता चलेगा और एक बार जब आपको अपनी समस्या की पहचान हो जाएगी ,तो आप उस समस्या या तनाव को दूर करने का एक तरीका खोज सकते है और उस पर काम करके उस समस्या को हल कर सकते हैं | आपको जो अच्छा लगता है वह आप अपनी डायरी में लिख सकते है आपको यहाँ कोई grammar को follow करने की जरुरत नहीं हैं |
आपके मन में जो भी विचार आते हैं उन्हें आप एक डायरी पर लिख सकते हैं | इस प्रक्रिया को रोजाना करने से आप अपने आप को तनावमुक्त और शांत रख सकते हैं | बहुत से लोगों का सवाल होता हैं “मन को कंट्रोल कैसे करें ” तो आप जर्नलिंग करके मन को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं |
3 – दिमाग को शांत करने के लिए रहें सकारात्मक – जब भी आप किसी परेशानी में होते हैं तो आपके मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं | आपको नकारात्मक विचारों को नजरअंदाज करना हैं और सकारात्मक विचारों पर अपना ध्यान लगाना है | जब आप ऐसा करेंगे तो आपके मन को शांति मिलेगी और नकारात्मक विचार आपके दिमाग पर हावी नहीं होंगे | जब आप सकारात्मक सोचते हो और अपने जीवन में आयी हुई परेशानी को दूर करने के लिए तरीका खोजते हो तो धीरे धीरे आपकी समस्या भी हल हो जाती हैं | जीवन के प्रति सकारात्मक विचार रखने से आप अपने जीवन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर पाते हैं और आपको कामयाबी भी मिलने लगती है | इसलिए दिमाग को शांत करने के लिए आपको हमेशा सकारात्मक रहना होगा |
4 – मन को शांत रखने के लिए व्यस्त रहें – अगर आपका मन शांत नहीं हैं तो इसे शांत रखने के लिए आप अपने आप को व्यस्त रख सकते हैं | जब भी आप व्यस्त नहीं होते हैं तो आपके मन के अंदर कुछ न कुछ विचार आते रहते हैं और अगर आपके मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो आप इन विचारों से परेशां हो सकते हैं | हम सभी ने बचपन में एक कहावत तो सुनी ही होगी “खाली दिमाग शैतान का घर”| ये कहावत बिलकुल सही हैं क्यों कि हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी देखा कि हम जब भी खाली बैठे होते हैं तो हमारे दिमाग में तरह तरह के ख्याल आने लगते हैं | जरुरी नहीं हमारे मन में जो ख्याल आ रहे है वह खराब ही हो वह अच्छे भी हो सकते हैं इसलिए आप अपने दिमाग को शांत रखने के लिए एक डेली रूटीन बनाइये और उसे लगातार follow कीजिए | जिससे आप व्यस्त रहेंगे और आपके मन में उल्टे सीधे विचार भी नहीं आएंगे जिससे आपका मन भी शांत रहेगा |
5 – मन को शांत करने के लिए करें रोजाना व्यायाम –
अगर आपका मन अशांत है और आप तनाव में रहते हैं तो व्यायाम करने से आप अपने तनाव को काम कर सकते हैं | जब भी हम व्यायाम करते है तो हमारे शरीर से एंडोर्फिन (endorphins) नामक हॉर्मोन रिलीज होता है | एंडोर्फिन हार्मोन हमें खुश रखने में मदद करता है | अगर आपके पास जिम जाने समय नहीं है तो आप अपने घर पर रहकर भी व्यायाम कर सकते हैं | आप अपनी पसंद के अनुसार व्यायाम करें | व्यायाम कोई भी हो सकता है जैसे साईकिल चलाना, वेट लिफ्टिंग, तैराकी, दौड़, टेनिस खेलना इत्यादि | जब आप अपनी इच्छानुसार व्यायाम करेंगे तो आपका मन प्रसन्न रहेगा और आप अपने मन को भटकने से भी रोक पायेंगे | अगर आप एक व्यायाम करते करते ऊब जायें तो आप अपने व्यायाम को बदल सकते है और अपने मन को शांत रख सकते हैं |
गौतम बुद्ध की मन को शांत करने वाली कहानी
आज हम आपको गौतम बुद्ध से जुड़ी एक कहानी बताएंगे जिससे आपको अपने मन को शांत करने के बारे में पता चलेगा | अगर आप भी इस कहानी को अच्छे से पढ़ेंगे तो निश्चित रूप से आपके जीवन पर भी इसका एक सकारात्मक असर पड़ेगा |
एक बार गौतम बुद्ध जी अपने आश्रम में बैठे हुए थे तभी उनके पास एक लड़का आया और उनसे बोला कि मेरा मन बिल्कुल अशांत रहता हैं जिस कारण से मेरी जिंदगी में भी अशांति रहती हैं |
लड़का उनसे बोलता है अब आप ही मेरी इस समस्या का समाधान कीजिए | लड़का गौतम बुद्ध जी से बोलता है कि में ऐसा क्या करु कि मेरा मन शांत हो जाये और मेरे जीवन में शांति आ जाये | गौतम बुद्ध ने लड़के से पूछा तुम्हारा जीवन में इतनी अशांति क्यों है इसके पीछे क्या वजह हैं | लड़का बोलता है कि मेरे मन के अंदर बहुत सारे विचार आते रहते हैं और उन्ही विचारों को सोच सोच कर में बहुत परेशान रहता हूँ और मेरा मन भी बहुत अशांत रहता है|
यह सब सुनकर गौतम बुद्ध मुस्कुराये और बोले अच्छा में कुछ तुमसे पूछना चाहता हूँ | लड़के ने बोला पूछो तो गौतम बुद्ध ने बोला कि तुम सूर्य को देखो | इतना सुनते ही लड़के ने आकाश की तरफ देखा और सूर्य को देखने लगा | कुछ देर बाद लड़के ने बोला धूप बहुत हैं | गौतम बुद्ध जी ने उससे बोला कि अगर में तुम्हे सूर्य के नीचे लगातार खड़े होने के लिए बोल दूँ तब तुम्हारे शरीर के साथ क्या होगा | लड़के ने बोला मेरे शरीर में बैचेनी होने लगेगी और मुझें बहुत गर्मी लगेगी |
गौतम बुद्ध जी बोले अगर तुम सूर्य की नीचे खड़े हो और तुम्हे गर्मी लग रही है तो इसमें किसका दोष है ? सूर्य के ताप का या तुम्हारा? बहुत देर सोचने के बाद लड़का गौतम बुद्ध जी से बोला आप ही मुझे बताइये मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा | गौतम बुद्ध जी ने बोला सूर्य का काम हैं ताप देना और ताप का काम है गर्मी पैदा करना | अब इसलिए इसमें दोष तुम्हारा है जो तुम सूर्य के नीचे खड़े हुए हो | तुम अगर चाहो तो छांव में खड़े होकर शीतलता का आनंद ले सकते हो | गौतम बुद्ध जी ने बोला हमारा मन भी बहुत चंचल होता हैं इसमें भी बहुत सारे विचार आते हैं | अलग अलग तरह के विचार और भावनाओं को जगाना चंचल मन का काम होता हैं | विचार कुछ देर के लिए आते है मन में लेकिन उनसे पैदा हुई भावनाएं बहुत समय तक रहती हैं अब पूर्ण रूप से निर्णय तुम्हारा हैं कि तुम्हे उन विचार और भावनाओं के साथ रहकर अपने मन को अशांत रखना है या अपने लिए कोई अलग रास्ता बनाना हैं | अब उस लड़के के समझ आ गया था कि मन में कोई भी विचार आये जो हमारे मन को अशांत करे लेकिन हमें अपनी बुद्विमता से निर्णय लेना हैं कि हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत है |