अंजीर (Fig) खाने के फायदे (Health Benefits Of Fig)
अंजीर एक ऐसा फल हैं जिसका इतिहास बहुत पुराना हैं | पुराने समय में मिस्त्र के फैरो लोगो को अंजीर के बारे में पता था | हर फल का एक वानस्पतिक नाम होता है उसी तरह अंजीर का वानस्पतिक नाम (Ficus carica) है | अंजीर के पेड़ों की लम्बाई ३-१० फुट तक होती हैं अगर बात करें इनके पत्तों की तो वो दिखने में गहरे हरे रंग के होते हैं और आकर इनका बड़ा होता हैं | अंजीर (Ficus carica) खाने में बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है| प्राचीन समय से ही औषधियाँ बनाने के लिए अलग अलग संस्कृतियों के लोग अंजीर को उपयोग करते आये हैं क्यों कि इसके अंदर औषधीय और खाद्य गुण दोनों ही मौजूद है |
अंजीर मोरसी (Moraceae) नामक परिवार का सदस्य है | मोरसी (Moraceae) परिवार में बहुत सारे पौधे पाये जाते हैं और अंजीर उनमे से एक पौधा है । मोरसी (Moraceae) परिवार में पाये जाने वाले पौधे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में में पाए जाते हैं। मोरसी परिवार के अंतर्गत आने वाले कुछ महत्वपूर्ण पौधे नीचे दिए गए हैं |
- अंजीर (Ficus carica): अंजीर एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है जो खाने में रसीला और गूदेदार होता है और इसके अंदर विटामिन, खनिज और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं | अंजीर स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है।
- बरगद (Ficus benghalensis): बरगद (Ficus benghalensis) का पेड़ दिखने में बहुत ही विशाल होता है और लंबे समय तक जीवित रहने वाला पेड़ है, बरगद अपनी विस्तृत जड़ों और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
- पीपल (Ficus religiosa):पीपल (Ficus religiosa) का वृक्ष हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता हैं और इसे हिन्दू धर्म में वृक्षों का राजा मानते हैं | पीपल का पेड़ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है।
- रबर का पेड़ (Hevea brasiliensis): रबर का पेड़ (Hevea brasiliensis) एक महत्वपूर्ण पेड़ है| इस पेड़ से प्राकृतिक रबर का उत्पादन होता है , जो औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- शहतूत (Morus alba): शहतूत (Morus alba) खाने में बहुत मीठे , रसीले और स्वादिष्ट होते हैं और इनकी पत्तियाँ रेशम के कीड़ों का मुख्य भोजन होती हैं | ये एक फलदार पेड़ है|
- कसावा (Artocarpus heterophyllus): कसावा (Artocarpus heterophyllus) का दूसरा नाम कटहल हैं | कटहल के पेड़ शाखायुक्त, सपुष्पक और बहुवर्षीय होते हैं | कटहल बहुत सारे पोषक तत्वों और विटामिनों से भरपूर होते हैं | कटहल पेड़ पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा फल है इसका वजन 3.5 किलोग्राम से लेकर 55 किलोग्राम तक हो सकता है इसके अंदर पाये जाने वाले पोषक तत्वों की वजह से इसे सुपरफूड भी कहा जाता हैं
- डोरियन (Durio spp.): डोरियन (Durio spp.) का पेड़ उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाया जाता है इस पेड़ पर आने वाले फलों में विशिष्ट स्वाद, मलाईदार बनावट और मजबूत सुगंध होती हैं इसलिए इसे “फलों के राजा” भी बोलते हैं |
अंजीर एक ऐसा फल हैं जो पका हुआ भी खाया जाता है और सूखने के बाद भी इसे खाया जाता है | अंजीर दिखने में नाशपाती की तरह होता है और इसका आकर गोल होता है | अंजीर खाने में जितने स्वादिष्ट लगते हैं उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ होते हैं | अंजीर अपने औषधीय और खाद्य गुणों के लिए भी जाना जाता है | अंजीर के अंदर अपनी कोई तेज सुगंध नहीं है लेकिन जब हम इसे पका हुआ खाते हैं तो ये फल खाने में बहुत रसीला और गूदेदार होता है| अंजीर सूखने के बाद एक ड्राईफ्रूट की तरह भी लोग खाते हैं | अगर हम अंजीर को रात में भिगोकर खाते हैं तो इसके पोषक तत्व और बढ़ जाते है और हमारा शरीर इसके पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित भी कर लेता हैं |
अंजीर के प्रकार – Types of Figs in Hindi
अंजीर की अलग अलग देशों में बहुत सारी प्रजाति पाई जाती है | अंजीर की प्रजाति जो सबसे ज्यादा प्रचलित हैं वो चार प्रकार की हैं | अंजीर बहुत सारी प्रजातियों के स्वाद अलग अलग हो सकते है लेकिन इन सभी के स्वास्थ्य लाभ लगभग एक जैसे होते हैं | इस लेख में हम आपको अंजीर के सभी प्रचलित प्रकार के बारे में बतायेंगे जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं और साथ में भारत में अंजीर की जो भी किस्में प्रसिद्ध हैं उन सभी के बारे में भी विस्तार से जानेंगे | अंजीर के मुख्यत चार प्रकार इस तरह हैं|
1 – कैप्री फिग – अंजीर की ये प्रजाति सबसे प्राचीन है और इसी प्रजाति का उपयोग करके अन्य अंजीरों की उत्पत्ति हुई है| कैप्री फिग मुख्य रूप से परागण के लिए उपयोग में लाया जाता है | ये फल छोटे और कठोर होते हैं जो खाने लायक नहीं होते है | कैप्री फिग का मुख्य काम वास्प (fig wasp) के जीवन चक्र को समर्थन देना होता है। वास्प के माध्यम से परागण होने के बाद, यह अन्य अंजीर प्रजातियों, जैसे कि कैलिमिरना और स्माइर्ना अंजीर, के लिए आवश्यक पराग प्रदान करता है, जिससे वे पके और खाने योग्य फल उत्पन्न कर सकें।
२ – स्माइर्ना (Smyrna) – अंजीर के ये फल आकर में बड़े और स्वाद में बहुत मीठे होते हैं और बहुत रसेदार होते हैं | स्माइर्ना अंजीर की खेती स्माइर्ना क्षेत्र जो तुर्की का एक शहर हैं वहाँ की जाती थी इसलिए इस जगह के नाम पर इस अंजीर का नाम स्माइर्ना अंजीर पड़ गया | स्माइर्ना (Smyrna) को खाने लायक बनाने के लिए परागण की आवश्यकता होती है। इसका परागण कैप्री फिग (Caprifig) और और एक विशेष प्रकार की वास्प (fig wasp) की मदद से होता है | वास्प कैप्री फिग में अंडे देती है, और इस प्रक्रिया में स्माइर्ना अंजीर के फूलों का परागण होता है। परागण के बिना, स्माइर्ना अंजीर विकसित नहीं हो पाता और उसका फल गिर जाता है।
3 – सफेद सैन पेद्रू (White San Pedro) – सफेद सैन पेद्रू अंजीर अपनी अद्वितीय परागण प्रक्रिया के लिए मशहूर है | सफेद सैन पेद्रू अंजीर बाहर से दिखने में सफेद या हल्के हरे रंग का होता है और इसके अंदर पाया जाने वाला गूदा गुलाबी या लाल होता है| सफेद सैन पेद्रू अंजीर खाने में बहुत स्वादिष्ट और मीठा होता है |
किसानों के लिए सफेद सैन पेद्रू की खेती बहुत लाभदायक रहती हैं क्यों कि इसकी खेती में दो प्रकार की फसलों का उत्पादन होता हैं | पहला, ब्रेबा फसल, जो पिछले साल की लकड़ी पर उगती है और इसके लिए परागण की जरुरत नहीं पड़ती है और दूसरा, मुख्य फसल, जो नई लकड़ी पर उगती है और इसके लिए परागण की जरुरत पड़ती है| सफेद सैन पेद्रू नामक अंजीर की इस किस्म में दो प्रकार के फलों का उत्पादन होता है| इस फल को आप पकने के बाद भी खा सकते है और सूखने के बाद भी खा सकते हैं | इस फल को उपयोग बहुत सारी मिठाइयों और डेसर्ट में भी देखने को मिलता है |
4 – साधारण अंजीर (Ficus carica) – साधारण अंजीर (Ficus carica) बहुत ज्यादा प्रचलित और सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला अंजीर है | यह अंजीर स्वाद में मीठा और रस से भरपूर होता है | अंजीर के पेड़ो के लिए गर्म और शुष्क जलवायु की जरुरत होती है इसलिए ज्यादातर ये पेड़ भूमध्यसागरीय क्षेत्रों, पश्चिमी एशिया, और उत्तरी भारत में देखने को मिलते हैं | साधारण अंजीर (Ficus carica) दिखने में छोटे या नाशपाती जैसे दिखाई देते हैं | साधारण अंजीर की बाहरी परत दिखने में हरे , पीले , बैंगनी या काली होती हैं और अंदर की परत में जो गूदा पाया जाता है उसका रंग गुलाबी, लाल या गहरा बैंगनी होता हैं |
भारत के अंदर अंजीर की बहुत किस्में पायी जाती हैं जैसे मार्सेलीज़, ब्लैक इस्चिया, पूना, बँगलोर और ब्राउन टर्की इत्यादि |
1. मार्सेलीज़ (Marseilles): – मार्सेलीज़ अंजीर बहुत पुराने समय से की जाने वाली एक प्रचिलत किस्म है जिसका उत्पादन भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में देखने को मिलता है | अंजीर के पेड़ की वृद्धि गर्म और शुष्क जलवायु में बहुत अच्छे से होती है इसलिए इन्हें भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में उगाया जाता है | मार्सेलीज़ अंजीर दिखने में छोटे और गोल होते हैं | मार्सेलीज़ अंजीर की बाहरी परत हरे रंग की और अंदर का गूदा हल्के पीले से एम्बर रंग का होता है | खाने में मार्सेलीज़ अंजीर बहुत ही मीठा होता है और लोग इस पके हुए फल को बहुत चाव से कहते हैं | किसान लोग इसकी मिठास और उच्च गुणवत्ता के कारण इस फसल को करना पसंद करते हैं | इस अंजीर की फसल गर्मियों में पकती है|
2. ब्लैक इस्चिया (Black Ischia): – यह अंजीर का फल देखने में गहरे बैंगनी या काले रंग जैसा होता है | ब्लैक इस्चिया (Black Ischia) भी रस से भरपूर और स्वाद में बहुत मीठा होता है | इसके अंदर पाया जाने वाला गूदा गहरा गुलाबी या लाल रंग का होता है| ब्लैक इस्चिया अंजीर को ताजे फल के रूप में भी खाया जाता है और इसे सुखाकर भी खाया जाता है | बहुत से लोग इस फल को अलग-अलग तरीके की मिठाइयों में भी उपयोग में लाते हैं | ब्लैक इस्चिया (Black Ischia) अंजीर की ये किस्म मुख्य रूप से भूमध्यसागरीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है।
3. पूना (Poona): – पूना अंजीर की खेती महाराष्ट्र राज्य में प्रमुखता से की जाती है | पूना अंजीर को लोग पुणे अंजीर भी बोलते हैं | इस अंजीर का आकर मध्यम होता है | पूना अंजीर की बाहरी परत हरे और हल्के पीले रंग की पायी जाती है और इसके नंदर पाया जाने वाला गूदा गुलाबी या लाल रंग का होता है | पूना अंजीर को ताजे फल के रूप में भी खाया जाता है और इसे सुखाकर भी खाया जाता है | ये अंजीर खाने में मीठा और पौष्टिक होता है |
4. बँगलोर (Bangalore): – बँगलोर अंजीर की फसल मुख्य रूप से कर्नाटक राज्य में पायी जाती है | कर्नाटक राज्य दक्षिण भारत के अंतर्गत आता है | ये अंजीर बेंगलुरु अंजीर के नाम से प्रसिद्ध है | इस अंजीर का आकर बड़ा और गोलाकार होता है | बँगलोर अंजीर की बाहरी परत हरे और पीले रंग की पायी जाती है और इसके अंदर पाया जाने वाला गूदा लाल या गुलाबी रंग का होता है | अंजीर की ये किस्म खाने में तो स्वाद होती ही है और अपनी पौष्टिक गुणों के ल;लिए बहुत मशहूर है | बँगलोर अंजीर खाने में बहुत मीठा और रस से भरपूर होता है | बँगलोर अंजीर को लोग सलाद के रूप में भी खाना बहुत पसंद करते है और आप इसे ताजे फल के रूप में भी खा सकते है | बहुत सी मिठाइयों में भी बँगलोर अंजीर को मिलाया जाता है |
5. ब्राउन टर्की (Brown Turkey): – ब्राउन टर्की (Brown Turkey) अंजीर भारत में ही नहीं अपितु दुनिया भर में एक लोकप्रिय अंजीर की प्रजाति है जो आसानी से उगाए जाने की क्षमता के कारण और अधिक उत्पादन क्षमता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है | ब्राउन टर्की अंजीर के पेड़ साल में दो बार फल देते हैं या द्विवार्षिक फलन करते हैं| एक फसल वसंत में पूरी होती है जिसे ब्रेवा फसल कहते है और ब्राउन टर्की (Brown Turkey) अंजीर की दूसरी फसल गर्मियों के अंत से शरद ऋतु तक होती है| ब्राउन टर्की अंजीर के ये पेड़ गर्म और शुष्क जलवायु में बड़े होते हैं लेकिन ब्राउन टर्की अंजीर के पेड़ ठंडी परिस्थितियों को भी सह सकते है| इनके पेड़ आकर में मध्यम होते है और इनकी पत्तियाँ गहरे हरे रंग की होती है और आकर में बड़ी होती हैं| इनके पेड़ो की ऊंचाई आमतौर पर 10 से 30 फीट तक की होती है | ब्राउन टर्की अंजीर फल दिखने में मध्यम से बड़े होते हैं और इनका बाहरी आवरण हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग का दिखाई पड़ता है जबकि अंदर पाया जाने वाला गूदा गुलाबी से लाल रंग का होता है | ये अंजीर खाने में बेहद मीठा और पौष्टिक होता हैं और ताजा पका हुआ अंजीर का फल रस से भरपूर होता है | बहुत से लोग इस अंजीर को ताजे फल के रूप में खाते हैं और कुछ लोग इसे सुखाकर लंबे समय तक संग्रहित करते हैं और सूखे मेवे के रूप में भी खाते हैं | ब्राउन टर्की अंजीर जैम, जैली, और मिठाईयों में भी मिलाया जाता है और बहुत से लोग इसे विभिन्न व्यंजनों के अंदर मिलाते हैं और , सलाद के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं | ब्राउन टर्की अंजीर एक अधिकतम उपयोगी और बहुगुणी फल है|
अंजीर खाने के फायदे – Benefits of Anjeer
अंजीर खाने से पाचन सुधरता है
अंजीर के अंदर पाया जाने वाला फाइबर हमारे पाचन को अच्छा करता है | अगर आप भी कब्ज़ जैसी समस्या से जूझ रहे है तो आप अपने आहार में अंजीर को शामिल कर सकते हैं | आजकल अनियमित खानपान की वजह से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी, गैस बहुत आम हो गयी है इन सभी समस्याओं में अंजीर मदद करता है और हमारे पाचन को दुरुस्त करता है | अंजीर के अंदर पाया जाने वाला फाइबर हमारी आंतों को हेल्दी रखता है इसलिए अगर आप इसे अपने आहार में शामिल करते है तो आप भी अपच (Indigestion) जैसी समस्याओं से निजात पा सकते हैं |
अंजीर खाने से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है
अगर आप मधुमेह के मरीज है तो आप डेली अंजीर का सेवन कर सकते है क्यों कि अंजीर विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है | अंजीर के अंदर विटामिन B6, मैग्नीशियम,पोटेशियम उच्च मात्रा में पाये जाते हैं जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं | अंजीर के अंदर पाया जाने वाला पोटेशियम हमारे शरीर में रक्त शर्करा के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अंदर पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड मधुमेह के रोगियों का ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद करता है। मधुमेह के रोगियों के लिए अंजीर बहुत हेल्दी रहता है और रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित करने के लिए रामबाण की तरह काम करता है | अंजीर को आप सलाद के रूप में खा सकते हैं इसके अलावा आप इसकी स्मूदी, ओट्स के साथ , कॉर्नफ्लेक्स के साथ भी ले सकते हैं | अगर आप मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो अंजीर खाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है |
अंजीर ब्लड प्रेशर को कम करने में करता है
अंजीर के अंदर पोटैशियम उच्च मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करता है | जिन’लोगो में उच्च रक्तचाप की समस्या होती है उन्हें अंजीर खाने का फायदा होता है क्यों कि अंजीर के अंदर उपस्थित पोटैशियम उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है और रक्तचाप को संतुलित करता है | अंजीर में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर से मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स)को हटाने में मदद करते हैं जिससे हमारा रक्तचाप संतुलित रहता है | बहुत से अध्ययनों में देखा गया है कि अंजीर हृदय संबंधी कई समस्याओं को दूर करता है इसके अंदर ट्राइग्लिसराइड को कम करने की क्षमता होती है | अंजीर खाने से हमारे शरीर में हृदय संबंधी कई परेशानियाँ दूर होती हैं | अंजीर के अंदर पाया जाने वाला पोटैशियम सोडियम के हानिकारक प्रभावों को रोकता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है |
अंजीर खाने से हमारी हड्डियाँ मजबूत होती हैं
अंजीर के बारे में तो वैसे हम सभी ने सुना है कि ये फल और सूखे दोनों रूप में खाया जाता है और दोनों रूपों में इसके फायदे भी बेमिसाल है लेकिन क्या आप जानते है कि अंजीर खाने से हमारी हड्डियाँ मजबूत और शक्तिशाली बनती हैं क्यों कि इसके अंदर मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व हमारी हड्डियों को तंदुरुस्त रखते हैं | अगर आप भी अपनी हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आप अंजीर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं |
प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है अंजीर
जैसा की हम सभी जानते है अंजीर के अंदर जिंक, मैंगनीज, मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं | अंजीर के अंदर पाए जाने वाले ये खनिज प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। अक्सर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कुछ ना समस्याओं का सामना करना पढ़ता है और बहुत सी महिलाओं को हार्मोन असंतुलन की समस्या से भी जूझना पढ़ता है | अंजीर में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर इन सभी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं | अगर’कोई महिला कमजोरी महसूस करती है तो बहुत से चिकित्सक उन्हें अंजीर खाने की सलाह देते हैं | अगर कोई महिला गर्भवती है तो वह अपनी डाइट में अंजीर को शामिल कर सकती है या ऐसी महिलाएं जो बेबी प्लान कर रही हैं वह भी अपने आहार में अंजीर को शामिल कर सकती हैं और अंजीर के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्वों को लाभ उठा सकती हैं |
Frequently Asked Questions
अंजीर की तासीर गर्म होती है या ठंडी
अंजीर की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्मी के दिनों में लोग इसे भिगोकर खाना पसंद करते हैं | अगर आप भी अंजीर को गर्मियों में खाना चाहते है तो आप रात के समय 3 -4 अंजीर को एक कटोरी में पानी भरकर रातभर भिगोकर रख दें जिससे अंजीर की तासीर भी ठंडी हो जायेगी और आप गर्मियों में भी इसके पोषक तत्वों का फायदा ले सकते है | सुबह के समय भीगे हुए अंजीर खाने के आश्चर्यजनक फायदे होते हैं |
सुबह खाली पेट अंजीर खाने से क्या होता है?
अंजीर के अंदर पाया जाने वाला फाइबर हमारे पेट को अधिक समय तक भरा हुआ रखता है जिससे आपको वजन घटाने में मदद मिलती है और अगर कब्ज़ जैसी जटिल समस्याओं में भी लाभ पहुँचता है | अंजीर के अंदर पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड, पोटेशियम और ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल को करते हैं। अंजीर के अंदर पोटैशियम और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं |
1 दिन में कितने अंजीर खाना चाहिए?
अंजीर खाने के बहुत सारे फायदे होते हैं यदि अगर हम सही मात्रा में खाते हैं | अंजीर में पाया जाने वाला फाइबर हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है| एक दिन के लिए 3 -4 अंजीर खाना पर्याप्त रहता है | अंजीर एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं जो हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं | कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम जैसे मिनरल्स अंजीर के अंदर प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं |